नई दिल्ली: अब आपको एक ऐसी ट्रैक्टर परेड के बारे में बताते हैं जो ट्विटर पर निकाली गई. कल ये फेक न्यूज़ फैलाई गई कि ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस की फायरिंग में एक किसान की मौत हो गई है और इस फेक न्यूज़ को फैलाने में देश के एक बड़े टीवी संपादक, एक पूर्व मंत्री और कुछ पत्रकार भी शामिल हो गए. इन लोगों ने देश को भ्रमित करने की कोशिश की और ये दावा किया कि पुलिस की गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी किसान मारा गया है. लेकिन जब हमने इस दावे की जांच की तो हमें एक वीडियो मिला.
प्रदर्शनकारी किसान की मौत पर फेक न्यूज़
ये वीडियो दिल्ली के आईटीओ का है जहां कल पूरे दिन हिंसा होती रही. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि जब किसान बैरिकेड तोड़ कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे तो एक ट्रैक्टर उस दौरान पलट जाता है. इस ट्रैक्टर के नीचे आने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. लेकिन हमारे देश के डिजाइनर पत्रकारों और नेताओं ने ये फेक न्यूज़ फैलानी शुरू कर दी कि इस प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है. जबकि सच ये था कि प्रदर्शनकारी पुलिस के जवानों को बेरहमी से पीट रहे थे