टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने निकिता जैकब को 3 हफ्ते की जमानत दे दी है, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस प्रकार निकिता को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। यदि निकिता की गिरफ्तारी होती है, तो उन्हें 25 हजार के बॉन्ड पर राहत मिल सकती है। निकिता पर आरोप है कि किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट को बनाने के मामले में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है
क्या है निकिता पर आरोप
आपको बता दें कि निकिता जैकब के घर पर 11 फरवरी को छापा मारा गया था। इस दौरान घर की तलाशी ली गई और कई चीज जब्त की गई थी। निकिता और शांतनु पर आरोप है कि दोनों खालिस्तानी समर्थकों के साथ संपर्क में थे और उनके ही इशारे पर टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट क्रिएट किया था। शांतनु के ई-मेल अकाउंट से टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट बनाया गया था। जिसे निकिता और दिशा ने एडिट किया था और फिर इसे अलग अलग ग्रुप्स में शेयर भी किया गया। ये वहीं टूलकिट है जो ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था। ग्रेटा थनबर्ग के ट्विटर अकाउंट से ये टूलकिट लीक होने के बाद इस मामले की जांच शुरू कर दी गई। जांच के दौरान इसके तार बेंगलुरू की पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि, मुंबई हाईकोर्ट की वकील और एक्टिविस्ट निकिता जैकब, महाराष्ट्र के बीड के इंजीनियर और एक्टिविस्ट शांतनु मुलुक से जुड़े मिले। मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी हो चुकी है।