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*********|| जय श्री राधे ||*********
🌺🙏 *महर्षि पाराशर पंचांग* 🙏🌺
🙏🌺🙏 *अथ पंचांगम्* 🙏🌺🙏
*********ll जय श्री राधे ll*********
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*दिनाँक:-25/05/2023, गुरुवार*
षष्ठी, शुक्ल पक्ष,
ज्येष्ठ
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि————- षष्ठी 29:19:05 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र————- पुष्य 17:52:22
योग————- वृद्वि 18:06:12
करण———- कौलव 16:08:22
करण———– तैतुल 29:19:05
वार———————– गुरूवार
माह———————— ज्येष्ठ
चन्द्र राशि——————- कर्क
सूर्य राशि—————– वृषभ
रितु———————— ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर) ——————-पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————— 1945
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:27:22
सूर्यास्त————— 19:05:08
दिन काल————- 13:37:46
रात्री काल———— 10:21:53
चंद्रोदय————— 09:59:32
चंद्रास्त—————- 24:06:23
लग्न—- वृषभ 9°23′ , 39°23′
सूर्य नक्षत्र—————- कृत्तिका
चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य
नक्षत्र पाया——————- रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
हो—- पुष्य 11:09:16
ड—- पुष्य 17:52:22
डी—- आश्लेषा 24:36:04
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृषभ 09 : 30 कृतिका , 4 ए
चन्द्र=मिथुन 10:16 , पुष्य , 3 हो
बुध =मेष 15°: 34′ भरणी’ , 1 ली
शुक्र=मिथुन 24°05, पुनर्वसु ‘ 2 को
मंगल=कर्क 07°30 ‘ पुष्य ‘ 2 हे
गुरु=मेष 07°30 ‘ अश्विनी , 3 चो
शनि=कुम्भ 12°13 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू=(व) मेष 08°30 अश्विनी , 3 चो
केतु=(व) तुला 08°30 स्वाति , 1 रू
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*
राहू काल 13:58 – 15:41 अशुभ
यम घंटा 05:27 – 07:10 अशुभ
गुली काल 08:52 – 10: 34अशुभ
अभिजित 11:49 – 12:44 शुभ
दूर मुहूर्त 09:59 – 10:54 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:27 – 16:22 अशुभ
वर्ज्यम 32:14* – 34:02* अशुभ
गंड मूल 17:52 – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ 05:27 – 07:10 शुभ
रोग 07:10 – 08:52 अशुभ
उद्वेग 08:52 – 10:34 अशुभ
चर 10:34 – 12:16 शुभ
लाभ 12:16 – 13:58 शुभ
अमृत 13:58 – 15:41 शुभ
काल 15:41 – 17:23 अशुभ
शुभ 17:23 – 19:05 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 19:05 – 20:23 शुभ
चर 20:23 – 21:41 शुभ
रोग 21:41 – 22:58 अशुभ
काल 22:58 – 24:16* अशुभ
लाभ 24:16* – 25:34* शुभ
उद्वेग 25:34* – 26:52* अशुभ
शुभ 26:52* – 28:09* शुभ
अमृत 28:09* – 29:27* शुभ
💮होरा, दिन
बृहस्पति 05:27 – 06:36
मंगल 06:36 – 07:44
सूर्य 07:44 – 08:52
शुक्र 08:52 – 09:59
बुध 09:59 – 11:08
चन्द्र 11:08 – 12:16
शनि 12:16 – 13:24
बृहस्पति 13:24 – 14:33
मंगल 14:33 – 15:41
सूर्य 15:41 – 16:49
शुक्र 16:49 – 17:57
बुध 17:57 – 19:05
🚩होरा, रात
चन्द्र 19:05 – 19:57
शनि 19:57 – 20:49
बृहस्पति 20:49 – 21:41
मंगल 21:41 – 22:32
सूर्य 22:32 – 23:24
शुक्र 23:24 – 24:16
बुध 24:16* – 25:08
चन्द्र 25:08* – 25:59
शनि 25:59* – 26:52
बृहस्पति 26:52* – 27:43
मंगल 27:43* – 28:35
सूर्य 28:35* – 29:27
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
वृषभ > 04:06 से 06:04 तक
मिथुन > 06:04 से 08:10 तक
कर्क > 08:10 से 10:38 तक
सिंह > 10:38 से 13:52 तक
कन्या > 13:52 से 15:02 तक
तुला > 15:02 से 17:18 तक
वृश्चिक > 17:18 से 19:32 तक
धनु > 19:32 से 21:34 तक
मकर > 21:34 से 23:22 तक
कुम्भ > 23:22 से 01:06 तक
मीन > 01:06 से 02:24 तक
मेष > 02:24 से 04:02 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
6 + 5 + 1 =12 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
6 + 6 + 5 = 17 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*अरण्य षष्ठी
*सर्वार्थ, अमृत सिद्धि योग 17:52 तक
* गुरु पुष्य योग
* तपन काल प्रारम्भ
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
शुध्दं भूमिगतं तोयं शुध्दा नारी पतिव्रता ।
शुचिः क्षेमकरोराजा संतोषी ब्राह्मणः शुचिः ।।
।। चा o नी o।।
जो जल धरती में समां गया वो शुद्ध है. परिवार को समर्पित पत्नी शुद्ध है. लोगो का कल्याण करने वाला राजा शुद्ध है. वह ब्राह्मण शुद्ध है जो संतुष्ट है.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: आत्मसंयमयोग अo-06
आत्मौपम्येन सर्वत्र समं पश्यति योऽर्जुन ।,
सुखं वा यदि वा दुःखं स योगी परमो मतः ॥,
हे अर्जुन! जो योगी अपनी भाँति (जैसे मनुष्य अपने मस्तक, हाथ, पैर और गुदादि के साथ ब्राह्मण, क्षत्रिय, शूद्र और म्लेच्छादिकों का-सा बर्ताव करता हुआ भी उनमें आत्मभाव अर्थात अपनापन समान होने से सुख और दुःख को समान ही देखता है, वैसे ही सब भूतों में देखना ‘अपनी भाँति’ सम देखना है।,) सम्पूर्ण भूतों में सम देखता है और सुख अथवा दुःख को भी सबमें सम देखता है, वह योगी परम श्रेष्ठ माना गया है॥,32॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। थकान रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। पराक्रम बढ़ेगा। जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं। कामकाज में आशानुरूप स्थिति बनेगी। संतान के व्यवहार पर नजर रखें।
🐂वृष
बुरी खबर मिल सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से लाभ होगा। आपसी विचार-विमर्श लाभप्रद रहेगा।
👫मिथुन
मेहनत का फल मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा सफल रहेगी। धनलाभ होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। वाहन सुख मिलेगा। संपत्ति के लेन-देन में सावधानी बरतें। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। संतान पर ध्यान दें।
🦀कर्क
उत्साहवर्द्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बढ़ेगा। पुराने मित्र-संबंधी मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कार्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक तंगी रहेगी। पिछले कार्यों को टालें। पारिवारिक तनाव से मन परेशान रहेगा। व्यापार में हानि हो सकती है। जल्दबाजी व भागदौड़ से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ।
🐅सिंह
राजकीय सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ होगा। जोखिम बिलकुल न लें। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। व्यापार व नौकरी में हितकारकों की पूर्ण कृपा रहेगी। गृह उपयोगी वस्तुएँ क्रय करेंगे। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें।
🙍♀️कन्या
फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। कुसंगति से बचें। दूसरों पर भरोसा न करें। धैर्य रखें। पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। रुका पैसा मिलेगा। शत्रु आपकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करेंगे। अतः सावधान रहें। व्यापार में सफलता मिलेगी।
⚖️तुला
रुका हुआ धन प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। पूँजी निवेश बढ़ेगा। साहित्यिक रुचि बढ़ेगी। आर्थिक योग शुभ हैं। यात्रा से व्यापारिक लाभ हो सकता है। सुसंगति से लाभ होगा।
🦂वृश्चिक
योजना फलीभूत होगी। नए अनुबंध होंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी व भागदौड़ से काम करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ। अच्छे मित्र से भेंट होगी। पराक्रम की वृद्धि होगी। समाज-परिवार में आदर मिलेगा।
🏹धनु
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा। कोर्ट व कचहरी के काम बनेंगे। कार्यसिद्धि होगी। आय-व्यय में संतुलन रहेगा। क्रोध पर संयम आवश्यक है। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। धर्म में रुचि बढ़ेगी। नई योजना से लाभ होगा।
🐊मकर
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यापार के विस्तार हेतु किए गए प्रयास सफल होंगे। संतान की ओर से अच्छे समाचार मिलेंगे। दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करें। परिवार की चिंता रहेगी।
🍯कुंभ
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रुभय रहेगा। लाभ होगा। पिछले कार्यों को टालना चाहिए क्योंकि उसमें असफलता का योग है। अनावश्यक विवाद होगा। व्यावसायिक योजनाएँ क्रियान्वित नहीं हो पाएँगी।
🐟मीन
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। खर्चों में वृद्धि से चिंता होगी। संतान के रोजगार की समस्या का समाधान संभव है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। कश्मकश दूर होगी। स्वजनों से भेंट होगी।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
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*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
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