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*********|| जय श्री राधे ||*********
🌺🙏 *महर्षि पाराशर पंचांग* 🙏🌺
🙏🌺🙏 *अथ पंचांगम्* 🙏🌺🙏
*********ll जय श्री राधे ll*********
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*दिनाँक:- 03/05/2024, शुक्रवार*
दशमी, कृष्ण पक्ष,
वैशाख
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———– दशमी 23:23:33 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——– शतभिषा 24:05:11
योग————- ब्रह्म 14:17:32
करण———- वणिज 12:40:19
करण——- विष्टि भद्र 23:23:33
वार———————– शुक्रवार
माह———————— वैशाख
चन्द्र राशि—————— कुम्भ
सूर्य राशि——————- मेष
रितु————————- ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:39:28
सूर्यास्त—————- 18:52:58
दिन काल————- 13:13:30
रात्री काल————- 10:45:43
चंद्रास्त—————- 13:51:34
चंद्रोदय—————- 26:59:04
लग्न—- मेष 18°52′ , 18°52′
सूर्य नक्षत्र—————— भरणी
चन्द्र नक्षत्र————– शतभिषा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
गो—- शतभिषा 07:23:53
सा—-शतभिषा 12:58:48
सी—-शतभिषा 18:32:33
सू—- शतभिषा 24:05:11
से—- पूर्वा भाद्रपदा 29:36:48
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मेष 18:10, भरणी 2 लू
चन्द्र=कुम्भ 08:30 , शतभिषा 1 गो
बुध =मीन 23:53′ रेवती 3 चो
शु क्र= मेष 10°05, अश्विनी ‘ 4 ला
मंगल=मीन 07°30 ‘ उ oभाo’ 2 थ
गुरु=वृषभ 00°30 कृतिका , 2 ई
शनि=कुम्भ 22°00 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 20°15 रेवती , 2 दो
केतु=(व) कन्या 20°15 हस्त , 4 ठ
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 10:37 – 12:16 अशुभ
यम घंटा 15:35 – 17:14 अशुभ
गुली काल 07:19 – 08:58अशुभ
अभिजित 11:50 – 12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 08:18 – 09:11 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:43 – 13:36 अशुभ
वर्ज्यम 08:31 – 10:00 अशुभ
प्रदोष 18:53 – 21:04 शुभ
🚩पंचक अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
चर 05:39 – 07:19 शुभ
लाभ 07:19 – 08:58 शुभ
अमृत 08:58 – 10:37 शुभ
काल 10:37 – 12:16 अशुभ
शुभ 12:16 – 13:55 शुभ
रोग 13:55 – 15:35 अशुभ
उद्वेग 15:35 – 17:14 अशुभ
चर 17:14 – 18:53 शुभ
🚩चोघडिया, रात
रोग 18:53 – 20:14 अशुभ
काल 20:14 – 21:34 अशुभ
लाभ 21:34 – 22:55 शुभ
उद्वेग 22:55 – 24:16* अशुभ
शुभ 24:16* – 25:37* शुभ
अमृत 25:37* – 26:57* शुभ
चर 26:57* – 28:18* शुभ
रोग 28:18* – 29:39* अशुभ
💮होरा, दिन
शुक्र 05:39 – 06:46
बुध 06:46 – 07:52
चन्द्र 07:52 – 08:58
शनि 08:58 – 10:04
बृहस्पति 10:04 – 11:10
मंगल 11:10 – 12:16
सूर्य 12:16 – 13:22
शुक्र 13:22 – 14:28
बुध 14:28 – 15:35
चन्द्र 15:35 – 16:41
शनि 16:41 – 17:47
बृहस्पति 17:47 – 18:53
🚩होरा, रात
मंगल 18:53 – 19:47
सूर्य 19:47 – 20:41
शुक्र 20:41 – 21:34
बुध 21:34 – 22:28
चन्द्र 22:28 – 23:22
शनि 23:22 – 24:16
बृहस्पति 24:16* – 25:10
मंगल 25:10* – 26:03
सूर्य 26:03* – 26:57
शुक्र 26:57* – 27:51
बुध 27:51* – 28:45
चन्द्र 28:45* – 29:39
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मेष > 03:52 से 05:30 तक
वृषभ > 05:30 से 07:30 तक
मिथुन > 07:30 से 09:48 तक
कर्क > 09:48 से 12: 18 तक
सिंह > 12:18 से 15:22 तक
कन्या > 15:22 से 16:38 तक
तुला > 16:38 से 18:28 तक
वृश्चिक > 18:28 से 20:52 तक
धनु > 20:52 से 22:52 तक
मकर > 22:52 से 00:58 तक
कुम्भ > 00:58 से 02:20 तक
मीन > 02:20 से 03:48 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 10 + 6 + 1 = 32 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
राहु ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
25 + 25 + 5 = 55 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
12:38 से रात्रि 23:24 तक
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*बल्लभाचार्य चरण उत्सव मथुरा
*मुनि सुवृत नाथ जयंती
*शौर ऊर्जा दिवस
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
उत्पन्नपश्चात्तापस्य बुध्दिर्भवति यादृशी ।
तादृशी यदि पूर्वं स्यात्कस्य स्यान्न महोदयः ।।
।। चा o नी o।।
वह व्यक्ति क्यों पूर्णता नहीं हासिल करेगा जो पश्चाताप में जो मन की अवस्था होती है, उसी अवस्था को काम करते वक़्त बनाए रखेंगा.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: कर्मसन्यास योग अo-05
भोक्तारं यज्ञतपसां सर्वलोकमहेश्वरम् ।,
सुहृदं सर्वभूतानां ज्ञात्वा मां शान्तिमृच्छति ॥,
मेरा भक्त मुझको सब यज्ञ और तपों का भोगने वाला, सम्पूर्ण लोकों के ईश्वरों का भी ईश्वर तथा सम्पूर्ण भूत-प्राणियों का सुहृद् अर्थात स्वार्थरहित दयालु और प्रेमी, ऐसा तत्व से जानकर शान्ति को प्राप्त होता है॥,29॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
परिवार में आवाजाही बनी रहेगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। जोखिम न उठाएं। तनाव रहेगा, मान बढ़ेगा। प्रसन्नता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है।
🐂वृष
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। बेरोजगारी दूर होगी। आय में वृद्धि होगी। यात्रा से लाभ होगा। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। यात्रा मनोरंजक होगी। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। विवाद को बढ़वा न दें।
👫मिथुन
फालतू खर्च होगा। लेन-देन में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पुराना रोग उभर सकता है। चिंता रहेगी, बाकी सामान्य रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। रुका हुआ धन मिल सकता है।
🦀कर्क
जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। धनलाभ होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। जल्दबाजी से बचें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे।
🐅सिंह
आंखों में कष्ट संभव है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। योजना फलीभूत होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। आय बढ़ेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा।
🙎कन्या
राजकीय सहयोग से लाभ के अवसर बढ़ेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। दौड़धूप अधिक रहेगी। तनाव रहेगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। नई योजना बनेगी। मान-सम्मान मिलेगा।
⚖तुला
परिवार के वरिष्ठजनों के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। लेन-देन में सावधानी रखें।
🦂वृश्चिक
कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। व्यावसायिक गतिविधि बढ़ेगी। विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। निवेश व यात्रा मनोनुकूल रहेंगे। चिंता रहेगी। तीर्थदर्शन संभव है। पूजा-पाठ में मन लगेगा।
🏹धनु
विरोधी सक्रिय रहेंगे। तनाव बना रहेगा। भूमि व भवन के कार्य बड़ा लाभ देंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। जोखिम लेने का साहस कर पाएंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उन्नति होगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन होगा।
🐊मकर
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🍯कुंभ
मेहनत अधिक होगी। लाभ में कमी रहेगी। बुरी सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। घर-बाहर अशांति रह सकती है। थकान महसूस होगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। फालतू खर्च होगा।
🐟मीन
मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा, रोजगार में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
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*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
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