जालंधर 24 अगस्त (नीतू कपूर)- महिला शिक्षा के लिए अग्रणी संस्था, कन्या महा विद्यालय (ऑटोनॉमस) ने स्मारक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के साथ ऑफ़ पार्टिशन हौरर रिमैम्बरेंस दिवस मनाया। कार्यक्रम का आयोजन हिस्ट्रीडिपार्टमेंट द्वारा किया गया था। इस दिन को 1947 में भारत के दुखद विभाजन पर गहन चिंतन द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर विस्थापन, जीवन की हानि और व्यापक पीड़ा हुई। समारोह की शुरुआत एक डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से हुई, जिसमें विभाजन के दर्द और तबाही को मार्मिक ढंग से दर्शाया गया था। अभिलेखीय फ़ुटेज, प्रत्यक्ष विवरण और विशेषज्ञ साक्षात्कारों के माध्यम से, विभाजन की भारी मानवीय लागत पर प्रकाश डालता है, जिससे दर्शकों की भावनात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है।
इस कार्यक्रम में विभाजन युग की तस्वीरों का आकर्षक प्रदर्शन भी किया गया। विभिन्न अभिलेखों से ली गई ये ऐतिहासिक छवियां बड़े पैमाने पर प्रवासन, शरणार्थी शिविरों और विस्थापित लोगों द्वारा सामना की जाने वाली कष्टदायक स्थितियों के दृश्यों को दर्शाती हैं। दिन के कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में, केएमवी कीछात्राओं को विभाजन पर अपने विचार और विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया था। कई छात्राओं ने बताया कि विभाजन के बारे में सीखने से भारत के इतिहास और वर्तमान समय में शांति और सद्भाव के महत्व के बारे में उनकी समझ कितनी गहरी हो गई है।
विभाजन हमारे इतिहास में एक निर्णायक क्षण था
प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने देश की सामूहिक स्मृति के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में विभाजन की भयावहता को याद करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विभाजन हमारे इतिहास में एक निर्णायक क्षण था और हमें इससे मिले सबक को याद रखना चाहिए। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि युवा पीढ़ी इस घटना की गंभीरता को समझे और एक ऐसा भविष्य बनाने की दिशा में काम करे जहां ऐसी भयावहता दोबारा न हो। मैडम प्रिंसिपल ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए इतिहास विभाग के प्रमुख डॉ. गुरजोत के प्रयासों की सराहना की।