![3 भूपिंदर कौर](https://punjabreflection.com/wp-content/uploads/2024/12/3-2-696x372.jpg)
होशियारपुर 17 दिसंबर (तरसेम दीवाना)- शहीद-ए-आजम भगत सिंह की भतीजी व छोटे भाई रजिंदर सिंह की बेटी भूपिंदर कौर संघा का निधन हो गया। वह होशियारपुर के सिविल लाइन इलाके (पुरानी कचहीर चौक के समीप) में परिवार सहित रहती थीं। उनका पूरे सम्मान के साथ आज चोअ पार स्थित शिवपुरी में अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर शहर की तमाम राजनीतिक, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से संबंधित लोगों के अलावा बड़ी संख्या में पहुंचे वकील भाईचारे ने संघा परिवार के साथ दुख सांझा किया। इस दौरान उनके बड़े बेटे सुखजिंदर सिंह संघा व छोटे बेटे एडवोकेट सुखविंदरजीत सिंह संघा ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि भेंट की।
आपको बता दें कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह की सोच को जन-जन तक पहुंचाने और इस मशाल को जलाए रखने के लिए स्व. भूपिंदर कौर व उनके छोटे बेटे एडवोकेट सुखविंदरजीत सिंह संघा ने कई कार्यक्रम करवाए और कई संस्थाओं द्वारा करवाए गए कार्यक्रमों में भाग लेकर आजादी के बाद के भारत के सपने को साकार करने को प्रयासरत रहे। इस मौके पर जहां शहर एवं आसपास के इलाकों से पहुंचे सैकड़ों लोगों ने स्वय भूपिंदर कौर को अंतिम विदाई दी वहीं दुख की बात रही कि उनके अंतिम संस्कार में सरकार एवं जिला प्रशासन की तरफ से एक भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। एक तरफ जहा सरकार शहीदों एवं उनके परिवारों के प्रति सम्मान की भावना से काम करने की प्रेरणा देती नहीं थकती तथा शहीदों के नाम पर वोट की राजनीति भी किसी से छिपी नहीं।
शहीद-ए-आजम भगत सिंह के परिवार को सरकार एवं सरकारी तंत्र भूल गया
लेकिन शहीद-ए-आजम भगत सिंह के परिवार को सरकार एवं सरकारी तंत्र भूल गया। जिसे लेकर वहां मौजूद लोगों में काफी रोष था तथा लोगों का कहना था कि कम से कम शहीद भगत सिंह के परिवार को तो सम्मान मिलना चाहिए। इस अवसर पर एडवोकेट सुखविंदरजीत सिंह संघा ने माता भूपिंदर कौर के जीवन परिचय से अवगत करवाया और भरे मन से सरकार एवं जिला प्रशासन की उदासीनता पर रोष व्यक्त किया। इस अवसर पर माता भूपिंदर कौर को श्रद्धा के पुष्प भेंट करते हुए नगर सुधार ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन एडवोकेट राकेश मरवाहा ने कहा कि वह कई कार्यक्रमों में माता भूपिंदर कौर से मिले हैं और उनके अनुभव और देश के प्रति भगत सिंह एवं परिवार की सोच पर चर्चा कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि शहीदों के खास दिनों पर उन्हें याद करने से हमारा कर्तव्य पूरा नहीं हो जाता बल्कि उनके परिवारों के साथ मेल मिलाप रखना तथा उनके दुख सुख में उनके साथ खड़े होना भी हमारा फर्ज है। दुख की बात है कि सरकार एवं जिला प्रशासन महान नायक शहीद भगत सिंह के परिवार को ही भूल गया तो उससे आम लोगों के लिए क्या अपेक्षा की जा सकती है।
इस मौके पर पार्षद एडवोकेट लवकेश ओहरी, पूर्व प्रधान एडवोकेट आरपी धीर, एडवोकेट अजय वालिया, हरजीत कुमार, प्रदीप गुलेरिया, सिमरन सिंह, संदीप भारती, पलविंदर पल्लव, उपाध्यक्ष नवजोत सिंह मान, सचिव रजनी नंदा, एसके पराशर तथा एडवोकेट राघव शर्मा सहित बड़ी संख्या में शहर निवासिय़ों ने एडवोकेट संघा के पिता चरनजीत सिंह संघा, बहन मनजोत कौर सहित अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ दुख सांझा करते हुए विछड़ी आत्मा को परमात्मा के चरणों में निवास की प्रार्थना की।