परोपकारी महान व्यक्तित्व और अलौकिकता की मूर्त संत हरिचंद हरि महाराज की पहली पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया हवन यज्ञ

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हरि महाराज

गढ़शंकर 19 फरवरी (कपूर)- आनंद आश्रम गढ़शंकर के ब्रह्मलीन संत हरि चंद हरि महाराज महान संत, दूरदर्शी, महान दार्शनिक और अलौकिकता की मूर्त थे।उनकी पहली पुण्यतिथि पर आश्रम गढ़शंकर में हवन यज्ञ करके,संगतों द्वारा संकीर्तन और संगत के लिए लंगर की व्यवस्था की गई। इस मौके पर आश्रम के पूज्यनीय संत वीना और मैली डेरे के पूज्यनीय संत गंगा जी द्वारा आए हुए हरि भक्तों को आर्शीवाद देकर अपनी अमृत वाणी से निहाल किया गया। इस मौके पंडित आशीष और नीरज द्वारा विधिवत् रूप से हवन यज्ञ में पूर्ण आहुति डलवाई गई।

पिछले साल 17 फरवरी 2024 को हरि चंद महाराज जी अपनी सांसारिक यात्रा पूरी करके बड़े महाराज जी के धाम में जा विराजे थे। संत शिरोमणि हरिचंद हरि जी का जन्म सन् 1938 को हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के तहसील अंब के गांव घंगरेट में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम दीनानाथ और माता का नाम कमली देवी था।उनकी मधुर वाणी,व्यवहार संयमशील और मुख पर अलौकिकता की चमक सदा रहती थी।इनके जन्म का उद्देश्य ही सम्पूर्ण जगत को धर्म के मार्ग पर चलाने की पूर्ति हेतु हुआ था।

गुरु के दिखाये मार्ग से ही जीवन में सच्चे प्रकाश से साक्षात्कार होता है। सौभाग्यवश ऐसे सिद्ध गुरुजन का संरक्षण यदि किसी को भी प्राप्त हो जाए, तो उसके जीवन में संकट रूपी बादलों के छाने के बावजूद उसका मन कभी विचलित नहीं होता। कल्याण के मार्ग में प्रवृत्त करने वाले ऐसे गुरुवर का आशीर्वाद सदैव सभी पर बना रहे।

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