भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है: श्री इंद्रेश महाराज
जालंधर 20 सितंबर (सुनील कपूर)- श्री राधा कुंज बिहारी सेवा समिति की ओर से साईंदास स्कूल की ग्राउंड में 19 से 25 सितंबर तक आयोजित की जा रही श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस की शुरुआत दीप प्रज्वलन, भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। कथा के प्रथम दिवस पर हजारों की संख्या में भक्तों ने जालंधर में पहली बार पधारे विश्व विख्यात इंद्रेश महाराज जी (वृंदावन धाम) के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया।
पूज्य श्री इंद्रेश महाराज जी ने भागवत प्रसंग की शुरूआत भागवत के प्रथम श्लोक से की सच्चिदानन्द रूपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयम नुमः वासुदेव सुतं देवम कंस चानुर मर्दनम देवकी परमानंदम कृष्णम वंदे जगदगुरुम।। महाराज श्री ने धर्मरूपी गंगा का बहाव करते हुए कहा कि भागवत के प्रथम श्लोक में भगवान को प्रणाम किया गया है, उनके स्वभाव का वर्णन किया गया है तथा उनकी लीलाओं का वर्णन किया गया है। उन्होंने प्रभु भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भागवत की कथा सुनो। केवल सुनो ही नहीं बल्कि भागवत की मानों भी। इससे निश्चित ही आप वैराग्य की और अग्रसर हो जायेगे और तब ईश्वर को पाना अधिक सरल हो जायेगा। महाराज श्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है। यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
कथा पंडाल में श्रीमद् भागवत कथा के यजमानों सहित संजीव वर्मा, हर्ष शर्मा, मेजर अरोड़ा, गौरव भल्ला, विशाल चौधरी, ईशु महेंद्रू, राकेश ठाकुर, कृष्ण गोपाल बेदी, ईश शर्मा, अशोक सहदेव, राहुल, पवन, कमलजीत मल्होत्रा, रोहित वाधवा, एडवोकेट रवीश मल्होत्रा, मनी कनौजिया व गणमान्य अतिथियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिती दर्ज करवाई ।