*होलिका दहन और पूजन का शुभ मुहूर्त*
प्रेम और सौहार्द का त्योहार होली रविवार और सोमवार को मनाया जाएगा।
होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की शुभ बेला में करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ऐसी भी मान्यता है कि होलिका की अग्नि उसी व्यक्ति को जलानी चाहिए जो पुरोहित हो अथवा जिनके माता-पिता अब इस दुनिया से विदा हो चुके हों। वैसे इसमें क्षेत्रीय परंपराओं का अपना अलग-अलग मत और महत्व होता है। इस वर्ष 2021 में फाल्गुन पूर्णिमा 28 मार्च को होने की वजह से होलिका दहन भी इस दिन किया जाएगा और इसी दिन होली जलने के साथ होलाष्टक समाप्त हो जाएगा।होलिका दहन 28 मार्च को होगा, जबकि 29 मार्च को रंगों का त्योहार होली मनाई जाएगी।
*रविवार को होलिका दहन किया जाएगा। इस बार होलिका दहन में अशुभ माना गया भद्रा योग बाधा नहीं रहेगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम साढ़े छह बजे से रात साढ़े आठ बजे तक रहेगा*। इसके बाद चौघड़िया में शुभ, लाभ व अमृत के दौरान भी होलिका दहन किया जा सकता है।
होलिका की पूजा उपले के बरकली से
होली के दिन होलिका की पूजा के लिए कई स्थानों में महिलाओं गाय के गोबर से छोटे-छोटे उपले बनाती हैं जिनमें बीच का स्थान खाली होता है इसे बरकली कहा जाता है। बरकली की सात मालाएं बनाकर होलिका की पूजा के समय होलिका को बरकली की माला पहनाया जाता है। कहते हैं कि इससे घर में बरकत आती है।
*होलिका पूजन का समय*
होली के अवसर पर 28 मार्च को सुबह 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 53 मिनट तक लाभ चौघड़िया रहेगा। अमृत काल इसके बाद 12 बजकर 26 मिनट तक होगा। इसके बाद दोपहर बाद भद्रा समाप्त होने के बाद 1 बजकर 58 मिनट से 3 बजकर 31 मिनट तक शुभ चौघड़िया में होलिका पूजन करना शुभ रहेगा।
*होलिका दहन शुभ समय*
इस बार प्रदोष काल में भद्रा का साया नहीं होना बहुत दुर्लभ और शुभ संयोग है। ऐसे में शाम 6 बजकर 36 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक शुभ योग और 8 बजकर 3 मिनट से रात 9 बजकर 30 मिनट तक अमृत काल का शुभ संयोग रहेगा। इस दौरान होलिका दहन करना शास्त्र सम्मत उचित रहेगा।
*पूजा विधि:* होलिका दहन जिस स्थान पर करना है उसे गंगाजल से पहले शुद्ध कर लें। इसके बाद वहां सूखे उपले, सूखी लकड़ी, सूखी घास आदि रखें। इसके बाद पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठें। आप चाहें तो गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं भी बना सकते हैं। इसके साथ ही भगवान नरसिंह की पूजा करें। पूजा के समय एक लोटा जल, माला, चावल, रोली, गंध, मूंग, सात प्रकार के अनाज, फूल, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, बताशे, गुलाल, होली पर बनने वाले पकवान व नारियल रखें। साथ में नई फसलें भी रखी जाती हैं। जैसे चने की बालियां और गेहूं की बालियां। कच्चे सूत को होलिका के चारों तरफ तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटें। उसके बाद सभी सामग्री होलिका दहन की अग्नि में अर्पित करें। ये मंत्र पढ़ें- अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः । अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम् ।। और पूजन के पश्च्यात अर्घ्य अवश्य दें।
*राशि के अनुसार करें होलिका की पूजा-*
👉 मेष और वृश्चिक राशि के लोग गुड़ की आहुति दें।
👉 वृष राशि वाले चीनी की आहुति दें।
👉 मिथुन और कन्या राशि के लोग कपूर की आहुति दें।
👉 कर्क के लोग लोहबान की आहुति दें।
👉 सिंह राशि के लोग गुड़ की आहुति दें।
👉 तुला राशि वाले कपूर की आहुति दें।
👉 धनु और मीन के लोग जौ और चना की आहुति दें।
👉 मकर व कुंभ वाले तिल को होलिका दहन में डालें।
*राशि के अनुसार रंग*
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रंगों के त्योहार में अपनी राशि के अनुसार रंगों का इस्तेमाल करने से ग्रह-दोष से मुक्ति मिलती है। हर राशि का एक स्वामी होता है, जिसे भाने वाले रंग से होली खेलकर आप अपनी राशि पर होली का शुभदायक प्रभाव डाल सकते हैं।
*मेष राशि :* मेष राशि वालों के लिए लाल रंग से होली खेलना लाभकारी होगा। मेष राशि के स्वामी मंगल हैं और मंगल के शत्रु शनि माने जाते हैं। इसलिए मेष राशि वालों को होली खेलते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह काले और नीले रंग से दूर रहें।
*वृष राशि :* वृष राशि के स्वामी शुक्र हैं और शुक्र एक चमकीला ग्रह है। इसलिए वृष राशि वालों के लिए होली पर सफेद रंग का इस्तेमाल करना लाभदायक होगा। इसलिए वृष राशि वालों को सफेदा लगाने के बाद होली खेलनी चाहिए।
*मिथुन राशि :* मिथुन राशि के स्वामी बुध माने जाते हैं। इसलिए बुध ग्रह वालों को हरे रंग से होली खेलनी चाहिए। होली के दिन ज्यादा से ज्यादा हरे रंग का प्रयोग करना भी लाभकारी होगा। इससे होली का पर्व उनके लिए शुभकारी होगा।
*कर्क राशि :* कर्क राशि वालों को होली खेलते समय पानी का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं, जो जल के प्रतीक भी माने जाते हैं। इसलिए कर्क राशि वालों को पानी से होली खेलने से लाभ मिलेगा।
*सिंह राशि :* सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं और सूर्य की ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सिंह राशि वालों को लाल, गुलाबी, नारंगी जैसे रंगों से होली खेलनी चाहिए। जबकि काले, नीले रंग से सिंह राशि वालों को दूर रहना चाहिए।
*कन्या राशि :* कन्या राशि के स्वामी भी बुध हैं। कन्या राशि वालों के लिए भी हरे रंग से होली खेलना लाभकारी होगा। कन्या राशि वाले हरे रंग से होली खेलकर अपने समय को सुख देने वाला बना सकते हैं।
*तुला राशि :* तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं। तुला राशि वालों को सफेदा का इस्तेमाल करने के बाद होली खेलना चाहिए। तुला राशि वालों के लिए टेशू के फूल से रंग बनाकर होली खेलना लाभकारी होगा।
*वृश्चिक राशि :* वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं। मंगल राशि वालों के लिए लाल रंग से होली खेलना लाभकारी होगा। लाल रंग से होली खेलने से वृश्चिक राशि वाले ऊर्जावान होंगे।
*धनु राशि :* धनु राशि के स्वामी गुरु बृहस्पति हैं। धनु राशि वालों के लिए पीले रंग से होली खेलना लाभकारी होगा। साथ ही धनु राशि वाले प्राकृतिक रंगों जैसे कि हल्दी या केसर के रंग से होली खेलें, तो उन्हें विशेष लाभ मिलेगा।
*मकर राशि :* मकर राशि के स्वामी शनि हैं। शनिदेव को खुश करने के लिए मकर राशि वालों को काले और नीले रंग से होली खेलना लाभकारी होगा। काले और नीले रंग से होली खेलने से मकर राशि वालों पर शनि देव प्रसन्न होंगे।
*कुंभ राशि :* कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं। कुंभ राशि वालों को नीले और काले रंग से होली खेलना लाभकारी होगा। काले, नीले रंग से होली खेलने से उनका जीवन सुखमय व्यतीत होगा।
*मीन राशि :* मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। मीन राशि वालों को प्राकृतिक रंगों के साथ पीले रंग से होली खेलना लाभकारी होगा। इसके साथ ही उनके ऊपर गुरु बृहस्पति की कृपा बनी रहेगी।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
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*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)