काणा हिमाचल बना पत्रकारिता के नाम पर धब्बा

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Big News 😱😱
*पत्रकारिता के नाम पर कलंक काणा हिमाचल अपनी काली करतूतों से कर रहा जालंधर की पत्रकारिता को बदनाम*

*🔷जालंधर-फगवाड़ा हाइवे पर बन रहे मॉल के मालिकों को डरा धमका कर लाखों मांगने वाले काणा हिमाचल को पत्रकारों की संस्था ने मुँह काला कर किया एसोसिएशन से बाहर*

*📣काणा हिमाचल की गंदी करतूतों की दास्तां के बाद कल पढ़ें फर्जी प्रेस क्लब बनाकर ब्लैकमेलिंग का मायाजाल फैलाने वाले गंजे फ्रॉडीए की कहानी*

जालंधर( रिफ्लैक्शन ब्यूरो) लो जी हो जाओ तैयार जानने के लिए काणा हिमाचल की गंदी करतूतों की दास्तां।

ये आंखों से तो बिलियों आंखों वाला है पर अक्ल से काणा है| जिस कारण इसको सभी काणा हिमाचल कहकर बुलाते हैं|

पत्रकारिता को समाज का चौथा मुख्य स्तंभ माना जाता है| जब आम लोगों को कहीं भी न्याय नहीं मिलता तो वह पत्रकारिता पर अपनी आशा रखते हैं और चाहते हैं कि पत्रकार उनकी आवाज सरकार के कानों तक पहुंचाए और उन्हें न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करे !

परंतु आज के बेरोजगारी व भ्रष्टाचार के दौर में ऐसी काली भेड़ें पत्रकारिता की फील्ड में घुस गई हैं, जिन्होंने पत्रकारिता को इमानदारी व संघर्षशीलता के राह से भटका कर भ्रष्टाचार और ब्लैक मेलिंग की दलदल में धंसाने की कोशिश की है !

ऐसे ही कुछ काली भेड़ें इन दिनों अपनी गन्दी करतूतों से जालंधर की पत्रकारिता को बदनाम करने पर तुली हुई हैं ! ब्लैक मेलिंग के लिए मशहूर कुछ कलंकित फर्जी पत्रकारों की गैंग फील्ड में घूम रही हैं! इन्होंने ना तो जर्नलिज्म पढ़ी है और इन्हें पत्रकारिता की एबीसी भी नहीं आती!

हैरानी की बात तो यह है कि ब्लैक मेंलिंग और भ्रष्टाचार से लिप्त कुछ पत्रकार शहर में ना सिर्फ पत्रकारिता को बदनाम कर रहे हैं बल्कि इन्होंने तो सामाजिक रिश्तों, यारी दोस्ती जैसे पवित्र शब्दों को भी कलंकित किया है!

इस कलंकित गैंग के दो तथाकथित पत्रकारों की आज पोल खुलने जा रही है | इन दोनों को बलैक मेलिंग पत्रकारिता के क्षेत्र में काणा हिमाचल और गंजा फरोडिया आदि नाम से जाना जाता है!

सबसे पहले आज के पहले अंश में आपको काणा हिमाचल के बारे में बताते हैं| यह हिमाचल से आया हुआ एक पहाड़िया लेबर क्लास युवक है! हिमाचल में लड़कियों से छेड़छाड़ के मामले में बदनाम होने के बाद यह वहां से भाग जालंधर में आ गया। इसने ना तो पत्रकारिता का कोई कोर्स किया है ना ही इसे पत्रकारिता की कोई जानकारी है!

असल में यह अखबारों के लिए छोटे-छोटे इश्तहार बुक करने और घरों में अखबारों को फेंकने का काम करता था परंतु फिर इसे ब्लैक मेंलिंग और भ्रष्टाचार का ऐसा चस्का लगा कि इसने अपना छोटा सा न्यूज़ पोर्टल बनाकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया!

जहां भी शहर में कोई नई इमारत बन रही होती है यह वहां जाकर तस्वीरें खींचने लगता है! इसकी मार 500 से शुरू होकर 1000-1200 रूपये पर तक खत्म हो जाती है| इसी प्रकार 5-5 सौ रूपये इकट्ठे करके इसने अपने पोर्टल को चलाना शुरू कर दिया और अब लोगों को ब्लैकमेल करके ₹500 से लेकर ₹2000 तक रिश्वत लेकर अपना घर भर रहा है!

इतना ही नहीं इसकी बदनाम कहानियां तो ऐसी भी सुनने में मिली हैं कि लॉकडाउन में अगर कोई पेट्रोल पंप खुला मिला तो इसने डरा धमका कर अपनी मोटरसाइकिल में 100 रुपये का पेट्रोल फ्री में डलवा लिया| अगर कोई भी बेचारा गरीब आदमी बर्गर की रेहडी लगाकर खड़ा मिला तो इसने उसे भी डरा धमकाकर दो बर्गर फ्री में पैक करवा लिए! इसकी ऐसी ही कहानियों से पत्रकारिता शर्मसार हुई पड़ी है!

इस काणा हिमाचल की कई ब्लैकमेलिंग और ठगी की सीसीटीवी रिकॉर्डिंगें और ऑडियो रिकॉर्डिंगस शहर में वायरल हो रही हैं| जिसमें यह फ्री में तेल डलवाता दिखाई दे रहा है या फिर गरीब आदमी से बर्गर फ्री में पैक करवाता नजर आ रहा है! वहीं एक व्यक्ति ने यह भी बताया है कि उस के पास काना हिमाचल की 2 ऐसी वीडियो हैं जिसमें काणा हिमाचल ने शहर में बन रही के एक अवैध बिल्डिंग के मालिक और एक इम्मीग्रशन कंपनी के मालिक को खबर लगाने की धमकी देकर पैसों की वसूली की है। जिस को लेकर पत्रकार भाईचारे में बेहद रोष है और जल्द ही ऐसी काली भेड़ों के खिलाफ पत्रकार भाईचारे द्वारा पुलिस कंप्लेंट देने की तैयारी की जा रही है!

हमारी शहरवासियों से अपील है कि अगर यह काणा हिमाचल आपको भी ब्लैकमेल करने के लिए आपके पास आए तो बिना सोचे इस का मुंह काला करके इसकी वीडियो वायरल करें ताकि गंगू ब्राह्मण और जयचंद जैसे गद्दारों को भी पीछे छोड़ने वाले इस ब्लैकमेलर को सबक मिल सके!

यहां आपको यह भी बताना चाहते हैं कि इस काणा हिमाचल को शहर की एक सम्मानित पत्रकारों की संस्था ने मुंह काला करके अपनी संस्था से बाहर निकाला था ! क्योंकि इस काणा हिमाचल ने जालंधर-फगवाड़ा हाईवे पर बन रहे एक कमर्शियल मॉल से लाखों रुपए रिश्वत मांगी थी, जिन्होंने इसे रिश्वत तो नहीं दी बल्कि इसका मुंह काला करके उसे वहां से भगा दिया! इस बात का जब पत्रकारों की संस्था को पता पता चला तो उन्होंने इस को खूब डांटा, जिसके बाद उसने अपनी औकात दिखाते हुए पत्रकार संस्था के पदाधिकारियों को भी अपनी रिश्वत के गोरखधंधे में सम्मिलित होने का आफर दिया| जिसके बाद इसे तुरंत मुंह काला करके पत्रकार संस्था से बाहर निकाल दिया गया| जिसके बाद अब यह कई अन्य संस्थाओं को लालच दे रहा है कि मैं अपने भ्रष्टाचार के पैसे से आपको मोटा हिस्सा दिया करूंगा, आप मुझे अपनी संस्था में कोई पद दे दो| परंतु कोई भी इसे मुंह नहीं लगा रहा|

देखना होगा कि ऐसे फ्राड गोरी चमड़ी वाले काणा हिमाचल का मुंह काला ही रहता है या कोई पत्रकार संस्था इससे रिश्वत का पैसा लेकर इसे अपना सदस्य बनाती है व उसे पद देती है|

यह तो थी काणा हिमाचल की स्टोरी| अगली किश्त में आपको उस गंजे फराडिऐ की कहानी सुनाएंगे,जिसने पत्रकारिता की सबसे सम्मानित संस्था पंजाब प्रेस क्लब की नकल करके एक फर्जी प्रेस क्लब बनाया है और लोगों को लगातार ठग रहा है| इसकी पोल अगली किस्त में खोलेंगे| तब तक आप काणा हिमाचल की स्टोरी को इंजॉय कीजिए|

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