23 मई 2021 को शनि होने जा रहे हैं वक्री ,वृंदावन से आचार्य नीरज पराशर जी से जाने अपनी राशि पर इसके कारण पड़ने वाले प्रभाव तथा उससे संबंधित उपाय

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  • *जानें वक्री शनि का 12 राशियों पर असर*
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    न्याय के देवता शनिदेव अपनी गति के बीच एक बार फिर रविवार,23 मई 2021 को मकर राशि में वक्री होने जा रहे हैं। जिसके बाद वे इसी अवस्था में सोमवार, 11 अक्टूबर 2021 तक रहेंगे। इस दौरान शनि की इस वक्री चाल का असर सभी 12 राशियों में देखने को मिलेगा। जहां कुछ राशियों को ये लाभ देंगे वहीं कुछ की तक्लीफों में इजाफा करते दिख रहे है

ज्योतिष के अनुसार शनि में ये परिवर्तन (मकर राशि में वक्री) वैशाख शुक्ल एकादशी रविवार, 23 मई 2021 को दोपहर 2:53 PM बजे हो रहा है, वहीं आश्विन शुक्ल षष्ठी सोमवार,11 अक्टूबर 2021 को 07:44 AM बजे तक ये इसी स्थिति में रहने के बाद वापस अपने इसी घर में मार्गी हो जाएंगे।

23 मई से 11 अक्टूबर तक कुल 141 दिन होते है यानि ऐसे में इस बार शनि 141 दिनों के लिए वक्री हो रहे हैं। शनि वर्तमान समय में मकर राशि और श्रवण नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं।

वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार वर्तमान में धनु,मकर व कुंभ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। ऐसे में शनि का वक्री होना इन राशियों को सबसे अधिक प्रभावित करता दिख रहा है। वहीं शनि की ढैय्या से प्रभावित मिथुन और तुला राशि पर भी इसका विशेष असर देखने को मिल सकता है।

*12 राशियों पर शनि के वक्री होने का असर*
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1. मेष राशि : आपकी राशि से दशम स्थान यानि कर्म भाव में शनि का वक्री होना कार्य को प्रभावित करेगा। आजीविका के साधनों के लिए दौड़ भाग रहेगी।
सावधानी : कोई भी निर्णय बहुत सोच समझकर लें।
उपाय : बजरंगबाण का पाठ करें।

2. वृषभ राशि: आपकी राशि से नवम स्थान यानि भाग्य भाव में शनि वक्री हो रहा है। ऐसे में पैसों के लिए परेशान होना पड़ेगा। कठिन समय रहेगा धैर्य रखें।
सावधानी : संयमित रहें।
उपाय : बाबा भैरव की पूजा करें।

3. मिथुन राशि: आपकी राशि से अष्टम स्थान यानि आयु भाव में शनि वक्री हो रहा है। साथ ही इस समय आपकी राशि पर ढैया का प्रभाव हैं। ऐसे में इस समय स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। आय प्रभावित होगी। व्यापार में हानि होने की संभावना है।
सावधानी : वाहन चलाते समय आपको विशेष सावधान रहें।
उपाय : माता काली की पूजा करें।

4. कर्क राशि: आपकी राशि से सप्तम स्थान यानि विवाह भाव में शनि वक्री हो रहा है। इसके चलते साझेदारी, दांपत्य जीवन में टकराव, विवादित स्थिति बनेगी। पैसों का संकट, विवाह में रूकावट आएगी।
सावधानी : फिजुल के खर्चों पर रोक लगाएं।
उपाय : भगवान विष्णु की अराधना करें।

5. सिंह राशि: आपकी राशि से षष्ठम स्थान यानि शत्रु व रोग भाव में शनि वक्री हो रहा है। रोग स्थान होने के कारण इस समय आपको स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बीमारियों पर खर्च होगा। वहीं शत्रु भी इस समय आपको परेशान कर सकते हैं। दौड़ भाग बनी रहेगी।
सावधानी : स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी परेशानी को हल्के में न लें।
उपाय : हनुमान चालीसा का पाठ करें।

6. कन्या राशि: आपकी राशि से पंचम स्थान यानि बुद्धि व पुत्र भाव में शनि वक्री हो रहा है। जिसके कारण संतान पक्ष, शिक्षा प्रभावित होगी। खर्च की अधिकता, स्वजनों से विवाद हो सकता है।
सावधानी : किसी भी बड़े कार्य की शुरुआत से पहले जानकारों से सलाह अवश्य लें।
उपाय : मां दुर्गा की पूजा करें।

7. तुला राशि: आपकी राशि से चतुर्थ स्थान यानि सुख व माता भाव में शनि वक्री हो रहा है। शनि की इस स्थिति के कारण परिवार में विवाद, रोग, शोक की स्थिति रहेगी। आय प्रभावित होने की संभावना के बीच स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। मानसिक तनाव के चलते सुखों में कमी भी संभव है।
सावधानियां: इस दौरान निवेश से बचें। यदि संभव हो तो यात्रा न करें और संयम से काम लें।
उपाय : हर शनिवार काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।

8. वृश्चिक राशि: आपकी राशि से तृतीय स्थान यानि पराक्रम व भाई-बहन भाव में शनि वक्री हो रहा है। शनि की ये चाल आपके पराक्रम में कमी लाएगी। वहीं भाई-बहनों से विवाद की संभावना के बीच कर्ज लेने की नौबत आ सकती है।
सावधानी : गुस्से पर नियंत्रण रखें।
उपाय : हर शनिवार हनुमान जी की पूजा करें।

9. धनु राशि: आपकी राशि से द्वितीय स्थान यानि धन व वाणी भाव में शनि वक्री हो रहा है। इसके चलते आपकी वाणी खराब हो सकती है, संपत्ति से जुड़े मामलों में हानि की संभावना के बीच पैसों की तंगी महसूस होगी। स्वास्थ्य खराब के कारण खर्चों में अचानक वृद्धि की संभावना। वहीं किसी दुघर्टना के शिकार होने के अंदेशे के बीच इस समय आप पर कोई झूठा आरोप लगाकर फंसाने की कोशिश कर सकता है।
सावधानी: वाणी पर नियंत्रण रखें।
उपाय : हनुमान जी की पंचमुखी मुद्रा का ध्यान करते हुए उनकी पूजा करें।

10. मकर राशि: आपकी राशि के प्रथम स्थान यानि लग्न भाव में ही शनि वक्री हो रहा है। जिसके चलते आपको मानसिक कष्ट, रोग, पिता को कष्ट, स्वयं के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।

ऑफिस में बढ़ती परेशानियों के बीच आप किसी वाद-विवाद में फंस सकते हैं। लेकिन, उचित होगा कि आप नौकरी छोड़ने की जल्दबाजी ना करें। व्यापार में भी इस दौरान हानि की संभावना है।
सावधानी: जल्दबाजी से बचें।
उपाय : शनिवार को शनिदेव के मंत्रों का जाप करें और हनुमान जी को लड्डुओं का भोग लगाएं।

11. कुंभ राशि: आपकी राशि के द्वादश स्थान यानि व्यय भाव में ही शनि वक्री हो रहा है। शनि की इस स्थिति के चलते आपके खर्चों में अधिकता रहेगी,जिसके कारण कर्ज लेने तक की नौबत आ सकती है। इस दौरान व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी।
इस समय यात्राओं से बचते हुए आपको सावधान रहना होगा। वहीं किसी करीबी से संबंध बिगड़ने की संभावना के बीच स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। नया व्यापार शुरू करने इस समय नुकसानदायक हो सकता है, जबकि आर्थिक रूप से आप तंगी का भी शिकार हो सकते।
सावधानी: उचित होगा संयम से काम लें।
उपाय : हनुमानाष्टक का पाठ करें।

12. मीन राशि: आपकी राशि के एकादश स्थान यानि आय भाव में ही शनि वक्री हो रहा है। ऐसे में आपको आय के नए स्रोत तो मिलेंगे, लेकिन खर्च भी बहुत संभलकर करना होगा।
सावधानी: आय के नए संसाधनों की ओर निगाह बनाए रखें और मौकों को हाथ से जाने न दें।
उपाय : रामरक्षास्त्रोत व हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।

*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*

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